आज, 24 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर रहा, लेकिन एक कमजोर शुरुआत के बाद अंत में बाजार ने मजबूती दिखाई। वैश्विक संकेतों के मिश्रित असर के बावजूद, घरेलू तिमाही परिणामों और मजबूत अर्थव्यवस्था के संकेतों ने निवेशकों का विश्वास बहाल किया, जिसके बाद सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने सकारात्मक वृद्धि दिखाई।
बाजार की शुरुआत: सतर्कता का माहौल
आज के कारोबार की शुरुआत नकारात्मक रही। सेंसेक्स 221 अंक गिरकर 79,895.46 पर और निफ्टी 75 अंक गिरकर 24,253.40 पर खुला। यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक बाजारों में अस्थिरता और निवेशकों की सतर्कता के कारण थी।
वैश्विक बाजारों में मिश्रित संकेत मिल रहे थे, जिसके कारण भारतीय निवेशक भी थोड़े संकोच में दिखे। विशेष रूप से, अमेरिका और यूरोप के बाजारों में कमजोरी ने भारतीय निवेशकों को प्रभावित किया।
मध्य दोपहर में सुधार: निवेशकों का विश्वास वापस आया
दिन के मध्य में बाजार में एक स्थिर सुधार देखा गया। घरेलू कंपनियों के मजबूत तिमाही परिणामों और कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों में वृद्धि के कारण बाजार में सुधार हुआ। सेंसेक्स दिन के अंत में 520.90 अंक चढ़कर 80,116.49 पर और निफ्टी 161.70 अंक बढ़कर 24,328.95 पर बंद हुआ।
इस सुधार में मुख्य योगदान वित्तीय, उपभोक्ता वस्त्र और फार्मा सेक्टर की कंपनियों के अच्छे परिणामों का था। विशेष रूप से बजाज फाइनेंस, एचयूएल और जीएसके फार्मा जैसी कंपनियों के तिमाही परिणामों ने बाजार को सहारा दिया।
प्रमुख कंपनियों के प्रदर्शन पर नजर
- बजाज फाइनेंस: कंपनी ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में अच्छे परिणामों का खुलासा किया, जिससे इसके शेयर में 4% की वृद्धि देखी गई। कंपनी ने विशेष अंतरिम लाभांश, स्टॉक स्प्लिट और बोनस की घोषणा की, जिससे निवेशकों का उत्साह बढ़ा।
- एचयूएल (HUL): चौथी तिमाही के नतीजों के बाद एचयूएल के शेयरों में 2.5% की बढ़त देखी गई। हालांकि, बाद में इस बढ़त में कुछ कमी आई।
- जीएसके फार्मा: कंपनी के मजबूत तिमाही परिणामों ने इसके शेयरों में 10% की जबरदस्त वृद्धि की, जो कि एक नया उच्चतम स्तर था।
- टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स: हालांकि कंपनी के चौथी तिमाही के परिणाम अपेक्षाकृत कमजोर रहे, इसके परिणामों के बाद इसके शेयरों में 4.5% की गिरावट आई।
वैश्विक संकेत और घरेलू कारक
वैश्विक बाजारों के मिश्रित संकेतों के बावजूद, घरेलू बाजार में सकारात्मक रुझान दिखे। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का भारतीय बाजार में बढ़ता हुआ निवेश और भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति उनकी बढ़ती उम्मीदें प्रमुख कारण थीं।
विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक मंदी की चिंताओं के बावजूद भारतीय बाजार मजबूत बना हुआ है, और आने वाले महीनों में विदेशी निवेशकों की ओर से और अधिक निवेश देखने को मिल सकता है।
सेक्टरवार प्रदर्शन
- वित्तीय सेवाएं: बजाज फाइनेंस और एचयूएल जैसी कंपनियों ने इस क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम दिखाए, जिससे वित्तीय क्षेत्र को मजबूती मिली।
- उपभोक्ता वस्त्र (FMCG): एचयूएल और जीएसके फार्मा जैसे प्रमुख नामों के मजबूत प्रदर्शन ने इस सेक्टर को सकारात्मक दिशा दी।
- मेटल और रियल्टी: इन क्षेत्रों में कुछ दबाव देखा गया, जिसके कारण निवेशक इन सेक्टर्स से थोड़ा बाहर रहे।
निवेशकों के लिए रणनीति
- विविधीकरण करें: किसी एक क्षेत्र में अधिक निवेश करने के बजाय, अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें ताकि किसी भी एक सेक्टर में गिरावट होने पर नुकसान कम हो सके।
- लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान दें: छोटी अवधि की अस्थिरता से बचने के लिए लंबी अवधि के निवेश पर जोर दें।
- नियमित समीक्षा करें: अपने निवेश की नियमित समीक्षा करते रहें और आवश्यकता अनुसार उसमें बदलाव करें।
भविष्य की दिशा
भारतीय बाजार में अगले कुछ महीनों में सकारात्मक रुझान रहने की उम्मीद जताई जा रही है, बशर्ते वैश्विक संकेत और घरेलू आर्थिक आंकड़े अनुकूल रहें। भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत विकास, एफआईआई निवेश और सकारात्मक कॉर्पोरेट परिणामों के चलते बाजार में मजबूती जारी रह सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय बाजार अगले कुछ महीनों में अच्छी वृद्धि का अनुभव कर सकता है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहते हुए अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।
नोट: यह लेख सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से है। निवेश निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना जरूरी है।