Friday, May 9, 2025
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🏡 “2025 में होम लोन टैक्स छूट का सच: नया टैक्स सिस्टम आपके लिए सही है या नहीं?”

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📢 प्रस्तावना: 2025 की शुरुआत के साथ क्या बदल गया?

हर मध्यम वर्गीय भारतीय के लिए घर लेना एक सपना होता है और होम लोन उसका रास्ता बनता है। लेकिन क्या 2025 के नए टैक्स सिस्टम में यह सपना सस्ता हुआ है या महंगा? सरकार ने टैक्स सिस्टम को सरल बनाने के लिए नया टैक्स रेजीम पेश किया था। लेकिन साथ ही कुछ जरूरी टैक्स छूटों को हटा भी दिया गया। खासतौर पर होम लोन पर मिलने वाली ब्याज छूट को लेकर आम लोगों में काफी भ्रम बना हुआ है।हम आपको आसान शब्दों में समझाएंगे कि नया टैक्स सिस्टम आपके होम लोन पर कैसे असर डालता है, कौन-सा टैक्स सिस्टम आपके लिए सही है और 2025 में क्या नया हुआ है।

🧾 अनुक्रमणिका (Table of Contents)

  1. प्रस्तावना: 2025 की शुरुआत के साथ क्या बदल गया?
  2. नया टैक्स रेजीम vs पुराना टैक्स रेजीम: एक नजर में अंतर
  3. नया अपडेट (1 मई 2025): अब तक क्या बदला है?
  4. होम लोन लेने वालों के लिए क्या मायने रखता है?
    • Self-Occupied Property के लिए नियम
    • Rental Property के लिए नियम
  5. RBI की ब्याज दर में कटौती: फायदा या नहीं?
  6. केस स्टडी: दो लोगों की तुलना
  7. कैलकुलेशन: खुद तुलना कैसे करें?
  8. एक्सपर्ट सलाह
  9. सरकार से क्या उम्मीदें हैं?
  10. निष्कर्ष: आपके लिए क्या बेहतर है?
  11. अंतिम सुझाव

🧾 नया टैक्स रेजीम vs पुराना टैक्स रेजीम: एक नजर में अंतर

पहलूपुराना टैक्स रेजीमनया टैक्स रेजीम (2025)
टैक्स स्लैबअधिक टैक्स दर लेकिन अधिक छूटकम टैक्स दर लेकिन छूट सीमित
होम लोन ब्याज पर छूट₹2 लाख तक (सेक्शन 24(b))कोई छूट नहीं (Self-occupied पर)
80C (प्रिंसिपल)₹1.5 लाख तकनहीं
80EE₹50,000 (प्रथम खरीदार के लिए)नहीं
स्टैंडर्ड डिडक्शन₹50,000₹75,000 (2025 से)
किराए की प्रॉपर्टी पर ब्याजAllowed with set-off & carry forwardAllowed (no set-off/carry forward)

🔍 नया अपडेट (1 मई 2025): अब तक क्या बदला है?

1 मई 2025 तक कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि, बजट 2025 में सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को ₹75,000 तक बढ़ा दिया है, लेकिन होम लोन ब्याज पर छूट को अभी भी नया टैक्स रेजीम में शामिल नहीं किया गया है।

ICAI की सिफारिशें

इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने सरकार से निवेदन किया है कि:

  • सेक्शन 24(b) की छूट को नया रेजीम में शामिल किया जाए।
  • रेंटल प्रॉपर्टी की लॉस को अन्य इनकम से सेट ऑफ करने की अनुमति दी जाए।
  • लॉस को आगे कैरी करने की सुविधा दी जाए।

लेकिन सरकार ने इन सुझावों पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है।

🏠 होम लोन लेने वालों के लिए क्या मायने रखता है?

1. अगर आपने घर अपने लिए खरीदा है (Self-Occupied Property)

  • नया टैक्स रेजीम: कोई ब्याज छूट नहीं।
  • पुराना टैक्स रेजीम: ₹2 लाख तक ब्याज की छूट मिलती है।

👉 ऐसे में पुराने टैक्स रेजीम का चुनाव करना समझदारी होगी, खासकर अगर आपका होम लोन बड़ा है।

2. अगर आपने घर किराए पर दिया है (Let-Out Property)

  • दोनों रेजीम में ब्याज छूट मिलती है।
  • लेकिन:
    • पुराने रेजीम में: लॉस को अन्य इनकम से सेट ऑफ किया जा सकता है और अगले वर्षों तक कैरी किया जा सकता है।
    • नए रेजीम में: लॉस सिर्फ प्रॉपर्टी इनकम से ही एडजस्ट होगा, कैरी फॉरवर्ड नहीं होगा।

👉 Rental Income कमाने वालों के लिए पुराना रेजीम अब भी बेहतर है।

📉 RBI की ब्याज दर में कटौती: फायदा या नहीं?

फरवरी 2025 में RBI ने रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 6.25% कर दिया। इसका असर:

  • होम लोन की ब्याज दरें कम हुईं।
  • EMI में थोड़ी राहत मिली।
  • लेकिन टैक्स छूट का नियम जस का तस है।

📚 केस स्टडी: दो लोगों की तुलना

👨‍💼 राकेश (Self-Occupied Property)

  • होम लोन EMI: ₹25,000/माह
  • ब्याज ₹2.4 लाख/वर्ष
  • अन्य डिडक्शन: ₹1.5 लाख (80C)
  • टैक्स बचत: पुराना रेजीम ज्यादा फायदेमंद (₹70,000+ की टैक्स छूट)

👩‍💼 स्नेहा (Let-Out Property)

  • किराया आय: ₹1.2 लाख/वर्ष
  • ब्याज भुगतान: ₹2 लाख/वर्ष
  • लॉस: ₹80,000
  • नया रेजीम: लॉस carry नहीं कर सकती
  • पुराना रेजीम: लॉस अगले वर्षों में carry कर सकती है

नतीजा: दोनों के लिए पुराना टैक्स रेजीम ही ज्यादा लाभकारी है।

🧮 कैलकुलेशन: खुद तुलना कैसे करें?

अगर आप जानना चाहते हैं कि आपके लिए कौन-सा टैक्स रेजीम सही रहेगा, तो ये डेटा तैयार रखें:

  • कुल इनकम
  • होम लोन की EMI, ब्याज और प्रिंसिपल का विवरण
  • अन्य डिडक्शन (जैसे LIC, PF, मेडिकल आदि)
  • घर किराए पर है या नहीं

फिर एक टैक्स कैलकुलेटर टूल या सलाहकार की मदद से दोनों विकल्पों की तुलना करें। एक्सपर्ट सलाह

“अगर आपके पास होम लोन है और आप अधिक ब्याज चुका रहे हैं, तो नया टैक्स रेजीम आपके लिए सही विकल्प नहीं है। पुराने रेजीम में टैक्स बचत के अधिक अवसर हैं।”
सीए अमित अग्रवाल, टैक्स कंसल्टेंट

📢 सरकार से क्या उम्मीदें हैं?

होम लोन पर टैक्स छूट आम जनता के लिए सबसे लोकप्रिय और कारगर टैक्स बेनिफिट्स में से एक रही है। इस छूट को हटाना मध्यम वर्ग को सीधा प्रभावित करता है।

2025 में सरकार ने कहा है कि वो नया टैक्स रेजीम को डिफॉल्ट बनाएगी, लेकिन उसे लोगों के हित में भी सुधार करेगी। ICAI और अन्य संस्थाएं उम्मीद कर रही हैं कि आने वाले वर्षों में:

  • होम लोन ब्याज पर आंशिक छूट दी जा सकती है।
  • रेंटल लॉस को अन्य इनकम से सेट ऑफ करने की सुविधा दी जा सकती है।

📦 निष्कर्ष: आपके लिए क्या बेहतर है?

आपकी स्थितिअनुशंसित टैक्स रेजीम
Self-Occupied Home + High EMIपुराना टैक्स रेजीम
किराए की प्रॉपर्टी + लॉस सेट ऑफ करना हैपुराना टैक्स रेजीम
कोई लोन नहीं, साधारण इनकम हैनया टैक्स रेजीम

🧭 अंतिम सुझाव

  1. सिर्फ टैक्स बचाने के लिए नया रेजीम न चुनें, पहले तुलना करें।
  2. होम लोन EMI और ब्याज का लेखा-जोखा रखें।
  3. सरकार की आगामी घोषणाओं पर नजर रखें — बजट 2026 में राहत की उम्मीद है।

क्या आप जानना चाहते हैं कि आपके होम लोन पर टैक्स बचत कैसे करें? नीचे कमेंट करें या हमसे संपर्क करें।

As of May 1, 2025, there has been no change in the treatment of home loan interest deductions under the new tax regime. While discussions and proposals are underway, the current law remains unchanged. Choosing the right tax regime requires careful planning, especially if you have a home loan.

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